Penn Calendar Penn A-Z School of Arts and Sciences University of Pennsylvania

संक्रमण के दौर में भारत (India in Transition)

ऋतु कमल
27/07/2015
भारत सरकार द्वारा चिकित्सा उपकरण उद्योग को विनियमित करने के अपने संकल्प और अनेक अंतरिम पैबंद जैसे दिशा-निर्देशों की घोषणा के लगभग एक दशक के बाद राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति (NMDP-2015) के व्यापक प्रारूप की घोषणा की गई है और दिलचस्पी रखने वाले हितधारकों द्वारा इसकी समीक्षा के लिए इसे सार्वजनिक कर दिया गया है. चिकित्सा उपकरणों का वैश्विक उद्योग $200 बिलियन डॉलर का है. इस उद्योग में अनिवार्य स्वास्थ्य-सेवा उपकरणों का विकास और निर्माण किया जाता है. इन उपकरणों में थर्मामीटर और स्टेथस्कोप जैसे सरल उपकरणों से लेकर पेसमेकर, अल्ट्रासाउंड मशीनों और सर्जिकल रोबोट जैसे जटिल उपकरण भी शामिल
कुनाल शर्मा
13/07/2015

भारत में सुन्नी और शिया मुसलमानों के बीच लगभग एक सदी से हिंसक झड़पें होती रही हैं, लेकिन राजनीति-विज्ञानियों, पत्रकारों और भारत के नीति-निर्माताओं का ध्यान इस ओर कम ही गया है. इन लोगों का ध्यान मुख्यतः हिंदू-मुस्लिम दंगों पर ही केंद्रित रहा है. अगर इस तरह की हिंसक झड़पों की उपेक्षा की गई और इनको सुलझाने में देरी की गई तो भारत का सामाजिक ताना-बाना ही बिखर जाएगा. 2020 के दशक तक किसी अन्य देश की तुलना में भारत में मुसलमानों की तादाद बढ़ने की आशंका को देखते हुए सुन्नी-शिया दंगों को अभी रोकना बेहद ज़रूरी है ताकि भारत का सामाजिक ताना-बाना बिखरने न पाए.

जयिता सरकार
29/06/2015
अप्रैल, 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योरोपीय देशों में सबसे पहले फ्रांस का ही दौरा किया था. इससे पेरिस के साथ नई दिल्ली के बढ़ते रिश्तों का संकेत मिलता है. भारत ने रक्षा की खरीद के आधार को भी व्यापक बनाने का प्रयास किया और साथ ही शीत युद्ध की अधिकांश अवधि के दौरान समान बिंदुओं पर दोनों देशों की समान विचारधारा पर भी ज़ोर दिया. फ्रांस धीरे-धीरे सभी तीनों रणनीतिक (अर्थात् रक्षा, अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा) क्षेत्रों में भारत को दुर्जेय टैक्नोलॉजी की सप्लाई करने वाले देश के रूप में उभरकर सामने आया. यद्यपि पेरिस में उपमहाद्वीप में अमरीका के प्रभाव को कम करने या उसका स्थान लेने की कोई महत्वाकांक्षा नहीं है, फिर भी नई
हेमा स्वामिनाथन
15/06/2015

2007 के वैश्विक वित्तीय धमाके और थॉमस पिकेटी की अत्यंत लोकप्रिय पुस्तक कैपिटल के कारण संपत्ति की असमानता को लेकर आजकल काफ़ी चर्चा होने लगी है. उपभोग के सर्वेक्षण पर आधारित गणनाओं को उद्धृत करते हुए लगातार केवल गरीबी को ही लेकर होने वाली चर्चा के स्थान पर संपत्ति की असमानता को लेकर चर्चा होना एक अच्छे बदलाव का संकेत है. उपभोग के लिए संपत्ति बहुत आवश्यक है और परेशानी के दौर में इसका इस्तेमाल बफ़र के रूप में होता है. कई तरीकों से तो संपत्ति का संबंध आमदनी या उपभोग के बजाय सुखद जीवन की अवधारणा से अधिक है.

फ़िलिप एम. हेनम
01/06/2015
इस वर्ष के उत्तरार्ध में पेरिस में संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में जलवायु पर जो वार्ताएँ होने जा रही हैं उनमें सारी अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी का ध्यान भारत पर ही टिका हुआ है. भारत को उम्मीद है कि कोयला-बहुल औद्योगीकरण पथ के कारण सन् 2030 तक इसका कोल फ़्लीट बढ़कर दुगुना हो जाएगा. यह अनुभव लगभग सभी अर्थव्यवस्थाओं ने किया है और चीन को भी इसका ताज़ा अनुभव अभी हाल ही में हुआ है. यद्यपि वैश्विक कोयले की लगभग आधी खपत तो चीन में ही हो जाती है और अब वह नई नीतियाँ लागू
प्रशांत झा
18/05/2015
25 अप्रैल को नेपाल विनाशकारी भूकंप से दहल उठा और उसके बाद भी भूकंप के झटके आते रहे और 12 मई को एक बार फिर से एक शक्तिशाली भूकंप ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया.आठ हज़ार से अधिक लोग अपनी जान गँवा बैठे. लगभग 600,000 से अधिक मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो गए या आंशिक रूप में क्षतिग्रस्त हो गये. आठ मिलियन लोग किसी न किसी रूप में इस विनाशकारी भूकंप से प्रभावित हुए हैं. हज़ारों स्कूलों की इमारतें खंडहरों में बदल गई हैं.काठमांडु की सांस्कृतिक विरासत को गहरा आघात लगा है.
इस्कैंडर रहमान
04/05/2015

पिछले दशक के दौरान आधुनिक सैन्य शक्ति के लगातार बढ़ते हुए और बहुत ही महत्वपूर्ण अंग के रूप में विशेष ऑपरेशन बलों (SOF) का उदय हुआ है. पश्चिम के लोकतांत्रिक देशों में खास तौर पर छोटे, चुने हुए और प्रच्छन्न ऑपरेटर इकाइयों का उदय बुरी तरह युद्ध में उलझे क्षेत्रों में अत्यंत  प्रभावी, कुशल और सुनिश्चित साधनों के रूप में शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है.

मंजीत एस. परदेसी
20/04/2015

सिंगापुर के रक्षामंत्री नग इंग हेनने पिछले महीने दिये गये अपने एक बयान में यह इच्छा व्यक्त की थी कि भारत को दक्षिण चीन सागर में एक बड़ी भूमिका अदा करनी चाहिए. हाल ही के वर्षों में इसी तरह के बयान विएतनाम और फिलीपींस के नेताओं ने भी दिये हैं. दक्षिण पूर्वेशिया के नेताओं द्वारा उस क्षेत्र के सुरक्षा मामलों में भारत की भागीदारी के लिए उसे दिये गये निमंत्रणका मतलब है दक्षिण पूर्वेशिया में महाशक्ति के रूप में भारत का उदय और फिर एशिया में महाशक्ति के रूप में भारत का उदय.

संजय चक्रवर्ती
06/04/2015

ढोंग-पाखंड,भुलक्कड़पन, अवसरवाद और अज्ञान के विषैले मिश्रण और पैटर्नलिज़्म अर्थात् बाप-दादा की जायदाद समझने के कारण भूमि अधिग्रहण कानून खिचड़ी बन कर रह गया है. भाजपा के लिए कांग्रेस के बनाये इस कानून को पारित करने के लिए आवश्यक समर्थन जुटाना मुश्किल होता जा रहा है और अब उन्होंने मिले-जुले संकेत भेजने भी शुरू कर दिये हैं- हो सकता है कि वे इसे पारित कराने के लिए संसद का संयुक्त सत्र बुला लें, या हो सकता है कि संशोधनों के साथ तत्संबंधी अध्यादेश फिर से जारी कर दें या फिर राज्यों को इतनी छूट दे दी जाए कि वे कानून की जिस धारा को चाहें उसका पालन करें और जिसे नापसंद करते हों उसकी अनदेखी कर दें.

लीज़ा ब्रोकमैन
23/03/2015

दो दशक पूर्व मुंबई में पाइप से सप्लाई होने वाले म्युनिसिपैलिटी के पानी की व्यवस्था संबंधी नियमों में नाटकीय परिवर्तन आया था. इस परिवर्तन के कारण ही शहर के लोकप्रिय पड़ोसी इलाकों और झोपड़पट्टी के निवासियों को म्युनिसिपल पानी की पात्रता दिलाने के लिए इन नियमों को झोपड़पट्टी पुनर्वास की आवासीय योजनाओं में शामिल कर लिया गया है. ढाँचागत योजना और सर्विस डिलीवरी के (कम से कम सिद्धांत रूप में तो ) स्थानिक और जलप्रेरित तर्कों के द्वारा पहले नियमित पानी की सप्लाई को झोपड़पट्टी पुनर्विकास योजना में पात्रता से जोड़ने के परिणाम भयावह हो चुके हैं.