क्या मुसलमानों का प्रतिनिधित्व सिर्फ़ मुसलमानों द्वारा ही किया जाना चाहिए? इस उत्तेजक सवाल को आम तौर पर विधान मंडलों में मुस्लिम सांसदों और विधायकों की लगातार घटती संख्या के बारे में कुछ व्यापक सामान्यीकरण करने के लिए अनदेखा कर दिया जाता है. इस विषय पर लोकप्रिय पत्रकारिता लेखन भारत में मुसलमानों के राजनीतिक हाशिए पर होने को उजागर करने के लिए पूरी तरह से मुस्लिम विधायकों की सटीक संख्या पर ध्यान केंद्रित करता है.