हम वैश्विक व्यवस्था के परिवर्तन के दौर से गुजर रहे हैं.मौजूदा व्यवस्था, पिछली दो शताब्दियों की पश्चिम-केंद्रित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था है. पश्चिम और शेष दुनिया के बीच विशाल शक्ति विषमताओं के साथ-साथ शेष विश्व के पश्चिम की ओर उन्मुखीकरण को देखते हुए एक कोर-परिधीय दुनिया बन गई है. हालाँकि, एशिया का समकालीन उदय एक नई विश्व व्यवस्था का संकेत दे रहा है. यद्यपि उभरती विश्व व्यवस्था का स्वरूप विद्वानों और नीतिगत हलकों में एक बहुचर्चित मुद्दा है, तथापि चीन का उदय इस परिवर्तन में अग्रणी है.