फ़रवरी 2023 में, भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकों से "समाज की दस समस्याओं की पहचान करने का आह्वान किया है, जिन्हें AI द्वारा हल किया जा सकता है." नंदन नीलेकणी, IT दिग्गज, जो पिछले पंद्रह वर्षों से भारत की डिजिटल यात्रा के पीछे प्रेरक शक्ति रहे हैं, ने घोषणा की है कि 2024 में भारत जल्द ही "विश्व की AI के उपयोग की राजधानी" बन जाएगा.जनवरी 2025 में, इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के इंडियाएआई मिशन ने भारत का बुनियादी मॉडल बनाने के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए थे, जो समकालीन जनरेटिव एआई विकास के सॉफ्टवेयर का आधार है.
संक्रमण के दौर में भारत (India in Transition)


वायु प्रदूषण उत्तर भारत की सर्दियों का उतना ही हिस्सा बन गया है जितना कि शादी और त्यौहार. भारत की राजधानी दिल्ली में नवंबर 2024 में कण (particulate matter) वायु प्रदूषण का औसत स्तर 250 µg/m³ को पार कर गया, यह संख्या इतनी अधिक है कि इसके बारे में जानकारी देना लगभग असंभव है. सुरक्षित हवा के लिए WHO का मानक 5 µg/m³ निर्धारित किया गया है, और भारत का अपना वायु गुणवत्ता मानक 40 µg/m³ है.


वित्तीय बाज़ारों में पूँजी जुटाने की किसी देश की क्षमता उसकी कथित साख से जुड़ी होती है और यह एक महत्वपूर्ण लेकिन कम खोजी गई थीम है जो उसकी आर्थिक और सामाजिक संभावनाओं को निर्धारित करती है. निवेशक आम तौर पर किसी देश की क्रेडिट योग्यता निर्धारित करने के लिए क्रेडिट रेटिंग पर भरोसा करते हैं. यदि किसी देश की क्रेडिट रेटिंग उसके क्रेडिट फंडामेंटल से कम है, जैसा कि हम भारत के मामले में तर्क देते हैं, तो इससे अनिवार्यतः हमेशा उधार लेने की लागत बढ़ जाती है, जिससे स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी ढाँचे और जलवायु लचीलापन जैसे क्षेत्रों पर सार्वजनिक खर्च के लिए कम राजकोषीय गुंजाइश बचती है.

क्या मुसलमानों का प्रतिनिधित्व सिर्फ़ मुसलमानों द्वारा ही किया जाना चाहिए? इस उत्तेजक सवाल को आम तौर पर विधान मंडलों में मुस्लिम सांसदों और विधायकों की लगातार घटती संख्या के बारे में कुछ व्यापक सामान्यीकरण करने के लिए अनदेखा कर दिया जाता है. इस विषय पर लोकप्रिय पत्रकारिता लेखन भारत में मुसलमानों के राजनीतिक हाशिए पर होने को उजागर करने के लिए पूरी तरह से मुस्लिम विधायकों की सटीक संख्या पर ध्यान केंद्रित करता है.
म्यांमार में जारी गृहयुद्ध में बड़े पैमाने पर लड़ाई का भारत के लिए क्या मतलब है? म्यांमार में हिंसा तब शुरू हुई जब सेना ने फ़रवरी 2021 में निर्वाचित सरकार को अपदस्थ करके जबरन सत्ता अपने हाथ में ले ली. जवाब में, तीन प्रमुख जातीय सशस्त्र समूहों ने एकजुट होकर थ्री ब्रदरहुड अलायंस (TBA) का गठन किया - अराकान आर्मी (AA), म्यांमार नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस आर्मी (MNDAA) और तांग नेशनल लिबरेशन आर्मी (TNLA) - जिसने जुंटा बलों के खिलाफ़ एक संगठित आक्रमण शुरू किया. आज, कई मोर्चों पर लड़ाई तेज हो गई है, जिसमें अराकान आर्मी ने बांग्लादेश के साथ देश की सीमा पर नियंत्रण कर लिया है.

वर्ष 2021 में जब कोविड-19 महामारी का प्रकोप जारी था और जब भारत में प्रतिदिन सबसे अधिक मौतें हो रही थीं और विवादित सीमा पर झड़पों के कारण भारत और चीन के बीच संबंध खराब हो गए थे, तो चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) ने अपने वीबो अकाउंट पर भारत में अंतिम संस्कार की चिताओं का मजाक उड़ाते हुए एक तस्वीर पोस्ट की थी, और उसे हाल ही में चीन द्वारा किए गए रॉकेट प्रक्षेपण की तस्वीर के साथ जोड़ दिया था. कैप्शन में लिखा था: “चीन में आग लगाना बनाम भारत में आग लगाना” (चित्र 1 देखें).
15 जून, 2020 को भारतीय सेना उस समय आश्चर्यचकित रह गई जब उसके सैनिक लद्दाख के गलवान हाइट्स में चीनी सेना से भिड़ गए. तीन दशकों से अधिक समय में दोनों देशों के बीच पहली घातक झड़प में कम से कम 20 भारतीय सैनिक और अज्ञात संख्या में चीनी सैनिक मारे गए. क्या यह खुफ़िया विफलता का उदाहरण था? सैन्य आश्चर्यों के स्पष्टीकरण के रूप में खुफ़िया विफलता के आरोप घटनाओं और संकटों के बाद सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों और राजनीतिक विरोधियों की ओर से आते हैं. ऐसे आश्चर्यों का सामना करने पर सरकारों की प्रतिक्रिया आम तौर पर चुप रहने और खुफ़िया एजेंसियों को दोष लेने देने की होती है.

भारत के पास सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए बड़ी योजनाएँ हैं. चिप निर्माण की दुनिया में भारत अपेक्षाकृत नया है, जिस पर ताइवान, दक्षिण कोरिया और अमेरिका का दबदबा है. पिछले कुछ वर्षों में भारत ने इस क्षेत्र में निवेश के लिए अभूतपूर्व प्रयास किए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर 2024 में एक कार्यक्रम में कहा था, "हमारा सपना है कि दुनिया के हर उपकरण में भारत में बनी चिप हो.

हम वैश्विक व्यवस्था के परिवर्तन के दौर से गुजर रहे हैं.मौजूदा व्यवस्था, पिछली दो शताब्दियों की पश्चिम-केंद्रित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था है. पश्चिम और शेष दुनिया के बीच विशाल शक्ति विषमताओं के साथ-साथ शेष विश्व के पश्चिम की ओर उन्मुखीकरण को देखते हुए एक कोर-परिधीय दुनिया बन गई है. हालाँकि, एशिया का समकालीन उदय एक नई विश्व व्यवस्था का संकेत दे रहा है. यद्यपि उभरती विश्व व्यवस्था का स्वरूप विद्वानों और नीतिगत हलकों में एक बहुचर्चित मुद्दा है, तथापि चीन का उदय इस परिवर्तन में अग्रणी है.

दृश्य प्रभाव (VFX) की टैक्नोलॉजी में प्रगति होने के कारण भारतीय ब्लॉकबस्टर फ़िल्मों में शानदार दृश्य दिखाई पड़ रहे हैं. पोन्नियिन सेल्वन (मणिरत्नम, 2022) में, 10वीं सदी का एक साम्राज्य फिर से जीवंत हो उठता है. आदिपुरुष (ओम राउत, 2023) में हम पौराणिक लंका के दहन को देखते हैं. पठान (सिद्धार्थ आनंद, 2023) में शाहरुख खान उड़कर कैन्यन घाटी में उतरते हुए दिखाई देते हैं. ये चित्र पूर्णतः कंप्यूटर द्वारा निर्मित हैं या कंप्यूटर द्वारा निर्मित इमेजरी (CGI) को लाइव-ऐक्शन फोटोग्राफ़ी के साथ कलात्मक रूप में मिश्रित करके निर्मित किया गया है.