कोरोना वायरस से फैली महामारी के कारण भारत सरकार द्वारा देशव्यापी लॉकडाउन लागू करने के दो महीने के बाद भुखमरी के कगार पर खड़े लाखों मज़दूर हज़ारों किलोमीटर दूर अपने गाँवों के अपेक्षाकृत सुरक्षित स्थलों की ओर पैदल निकल पड़े. जिस रेल के डिब्बे में सवार होकर वे अपने गाँवों से शहरों की ओर गए थे, उसी रेल की उन्हीं परिचित पटरियों पर चलते हुए वे अपने गाँवों की ओर लौटने लगे. 8 मई को औरंगाबाद के पास रेल की पटरी पर सोते हुए सोलह प्रवासी मज़दूरों को मालगाड़ी ने अपने पहियों से रौंद दिया.
संक्रमण के दौर में भारत (India in Transition)
सन् 2018 में विश्व के 30 सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में से 22 शहर भारत में ही थे. खाना बनाने और कमरे को गर्म करने जैसे व्यापक वायु प्रदूषण के घरेलू स्रोत भारत सहित अधिकांश विकासशील देशों में प्रदूषण के एकमात्र सबसे बड़े स्रोत हैं. लकड़ी और गोबर जैसे ठोस ईंधन से खाना बनाने के कारण घरों में वायु प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 40 गुना अधिक हो सकता है.
कोविड-19 के संकट और उसके बाद के लॉकडाउन ने भारत में खास तौर पर सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यमों (MSMEs) के लिए उनके सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण गंभीर चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं. यही कारण है कि भारत सरकार ने भारत की अर्थव्यवस्था में उनके महत्वपूर्ण स्थान को देखते हुए देश के 63.4 मिलियन सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यमों (MSMEs) की मदद के लिए अनेक उपायों की घोषणा कर दी है. इन उद्यमों में 110 मिलियन लोग काम करते हैं और सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में इनका हिस्सा 29 प्रतिशत है.
नये कोरोना के विषाणु जैसे रोगाणुओं का सबसे भयावह पहलू यही है कि यह देश की सीमाओं को नहीं पहचानता. इसके बावजूद ये सीमाएँ ही संक्रामक बीमारियों से लड़ने की हमारी संवेदनशीलता की सीमाएँ भी तय करती हैं. आज सरकारी प्रयासों के कारण ही न्यूज़ीलैंड और विएतनाम जैसे देशों में उनकी राष्ट्रीय सीमाओं के अंदर इनके नागरिकों को कोविड-19 से बहुत कम नुक्सान होने की आशंका है.
जैसे-जैसे भारत कोविड-19 के वृत्त को समतल बनाने की कोशिश में आगे बढ़ रहा है, मुस्लिम-विरोधी उन्माद बढ़ता जा रहा है. हालाँकि यह उन्माद कोई नई बात नहीं है, लेकिन महामारी के दौरान इस उन्माद में भारी वृद्धि हुई है. मुसलमानों पर शारीरिक हमले, कॉलोनियों और गाँवों में उनके प्रवेश पर रोक लगाने के साथ देश-भर में यह अपील जारी की जा रही है कि कोई भी उनके साथ किसी तरह का कारोबार न करे.