भारत में इनडोर वायु प्रदूषण में कमी लाने के लिए महिलाओं का सशक्तीकरण

इनडोर अर्थात् घर के अंदर होने वाले वायु प्रदूषण का सेहत पर पड़ने वाले भारी नकारात्मक दुष्परिणामों के बावजूद दुनिया के लगभग पचास प्रतिशत घरों के लोग खाना पकाने के लिए ठोस जैवपिंड का ईंधन ही इस्तेमाल करते हैं. भारत में हालात और भी खराब हैं, जहाँ 83 प्रतिशत ग्रामीण घरों के लोग और लगभग 20 प्रतिशत शहरी घरों के लोग अभी-भी खाना बनाने के प्राथमिक ऊर्जा स्रोत के रूप में लकड़ी या गोबर का इस्तेमाल करते है. एक अनुमान के अनुसार परंपरागत चूल्हे में इस प्रकार की बिना प्रोसेस की हुई जैवपिंड की ऊर्जा को जलाने से लगभग आधे मिलियन लोग हर साल अकाल मृत्यु के शिकार होते हैं.